जिस प्राकृतिक ऊर्जा से यह पिण्ड सराबोर हो रहा है,जिस परमस्रोत की रौशनी में नहाकर मैं धन्य हो रहा हूँ…
मेरी रूहानी महोब्बतों की कहकशां से गुजरो कभी,तुम्हारी रुह को अपना ना बना लूँ तो कहना।कभी सर-ए-अंजुमन,नूर-ए-जहाँ! मुख़ातिब जो हो…
पृष्ठ इक पलट गया, जिन्दगी किताब का।धार कलम सुर्ख स्याह रंग की दवात का।सूर्य छिपा लाल चुनर ओढ़ क्षितिज सांझ…
ये शहर मुझे मेरे अंतरतम से जोड़ता है। किसी बहाने से ही सही, यहाँ अक्सर आता हूँ। यहाँ होकर अलग…
रुकी-रुकी सी साँसें आ रही हैं इस कदर..मरा-मरा सा कोई जी रहा हो जैंसे। अनवरत अश़्क यूं आँख से बह…
सहजता से भूल पाना हो रहा मुमकिन तुम्हें,तुम रूठकर मुश्किल मेरी आसान करती हो।मगर तुम प्रेम की लावर्ण्यताओं के लिये…
कौंल पद्म सी,कुंद कुसुम सीश्वेत शुभ्र शोभित सुकुमारी। मन-मोहक मुस्कान तुम्हारी। मधुमय…
मिलम (ग्लेशियर) यात्रा के बेहद खूबसूरत पड़ाव ‘बब्लीधार’ में हमारा मिलन हुआ…तुम अपनी दो सहेलियों संग पथरीले खडंजे में बड़ी…
मानव संस्कृति में हजारों साल पहले से ही ‘योग’ हमारी दैनिक जीवन शैली का हिस्सा रहा है। योग एक अत्यन्त…